भूटान के प्रधानमंत्री ने रामलला के दरबार में बिताए 1.40 मिनट, सम्मान में हुआ भोज
भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे ने धर्मपत्नी संग अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किए और मंदिर परिसर में 1 घंटे 40 मिनट बिताए। इस राजकीय दौरे में पूजा-अर्चना, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भारत-भूटान संबंधों को सुदृढ़ करने की पहल शामिल रही।
अचल वार्ता,अयोध्या। भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग तोबगे शुक्रवार को रामनगरी अयोध्या पहुंचे। यहां आगमन पर महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर जहां उनका रेड कार्पेट पर स्वागत हुआ वहीं उन्होंने राम जन्मभूमि परिसर में स्थित भव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने परिसर में मौजूद अन्य मंदिरों में भी दर्शन-पूजन किया। प्रधानमंत्री तोबगे ने करीब 1 घंटे 40 मिनट तक राम जन्मभूमि परिसर में बिताया और रामलला की पूजा-अर्चना की। उनके साथ प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भूटान के प्रधानमंत्री के मंदिर परिसर में दर्शन पूजन की जानकारी वीडियो जारी करते हुए दी है।
उन्होंने बताया कि भूटान के प्रधानमंत्री दाशों शेरिंग टोबगे आज यहां पहुंचे और रामलला का दर्शन किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान उनकी धर्मपत्नी भी साथ रहीं। भारत सरकार के विदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री भी मौजूद रहे। रामलला, राम दरबार, लोवर पिल्थ के चारों खंभे, परकोटा आदि का भी अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि भूटान के प्रधानमंत्री ने पत्नी के साथ रामलला का तीन बार शाष्टांग प्रणाम किया। दर्शन-पूजन के बाद, उनका काफिला होटल रामायणा के लिए रवाना हुआ। जहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
इन कार्यक्रमों में भूटान की पारंपरिक शैली की झलक देखने को मिलेगी। इसके अलावा दोपहर का विशेष भोज आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेश सरकार के मंत्री और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि शामिल रहे।अयोध्या में प्रधानमंत्री तोबगे के दौरे को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे । पीएसी, सीआरपीएफ, एसएसएफ, एटीएस और एसटीएफ की टीमें अलर्ट पर रहीं।
दोपहर लगभग 1:30 बजे प्रधानमंत्री तोबगे अयोध्या से दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां वे अपनी अन्य राजनयिक बैठकों और कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। यह दौरा भारत और भूटान के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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