अयोध्या राजा : राजा दर्शन सिंह की वंशावली से थे विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र पप्पू भैया

- श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के के साथ विभिन्न कालेजों के संरक्षक और सदस्य थे गोलोकवासी पप्पू भैया
अचल वार्ता,अयोध्या। विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र जिन्हें स्थानीय लोग "राजा साहब" या "पप्पू भैया" के नाम से भी पुकारते थे, अयोध्या के राजघराने के वंशज और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक प्रमुख सदस्य थे। उनका निधन 23 अगस्त 2025 को देर रात अयोध्या में उनके आवास, राज सदन, में हुआ। उनकी आयु लगभग 71-75 वर्ष थी।
पारिवारिक पृष्ठभूमि: विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र अयोध्या के राजवंश से जुड़े थे और राजा दर्शन सिंह की वंशावली से संबंधित थे। उनकी मां, स्वर्गीय महारानी विमला देवी, थीं, और उनके छोटे भाई शैलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र हैं, जो साकेत कॉलेज, अयोध्या की प्रबंध समिति के संरक्षक हैं।
उनके पुत्र, यतीन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, एक प्रसिद्ध साहित्यकार और कवि हैं, जिन्हें लता मंगेशकर पर लिखी पुस्तक "लता सुर गाथा" के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
श्री राम मंदिर से संबंध: विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पहले वरिष्ठ सदस्य थे, जिसका गठन 5 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में घोषित किया था। 1992 में बाबरी मस्जिद ढांचे के विध्वंस के बाद, रामलला की मूर्ति को उनके घर, राज सदन, में स्थानांतरित किया गया था, जहां एक अस्थायी मंदिर बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, अयोध्या के कमिश्नर ने उन्हें राम मंदिर का रिसीवर नियुक्त किया था।वे श्री प्रताप धर्म सेतु ट्रस्ट के अध्यक्ष भी थे।
राजनीतिक सक्रियता: विमलेन्द्र मोहन ने 2009 में फैजाबाद लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली।
सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान:वे अयोध्या रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य थे और उत्तर प्रदेश सरकार की 'हेरिटेज योजना' की कार्यकारिणी में शामिल थे, जो ऐतिहासिक भवनों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देती है। विमला देवी फाउंडेशन न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने साहित्य, संगीत और कला के क्षेत्र में योगदान दिया।
2018 में, जब दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग-सूक अयोध्या आई थीं, तब विमलेन्द्र ने उनकी अगवानी की थी।
निधन: 23 अगस्त 2025 को रात करीब 11 बजे, अचानक ब्लड प्रेशर कम होने और तबीयत बिगड़ने के कारण उनका निधन हो गया। उनके परिवार के अनुसार, हाल ही में उनके स्पाइन का ऑपरेशन हुआ था, और वे लखनऊ में चेकअप के लिए गए थे, जहां सब कुछ सामान्य बताया गया था।
विरासत: विमलेन्द्र मोहन को अयोध्या में "राजा साहब" के रूप में सम्मान दिया जाता था। स्थानीय लोग उन्हें "पप्पू भैया" के नाम से भी पुकारते थे, जो उनके प्रति लोगों के स्नेह को दर्शाता है। उनके परिवार की सांस्कृतिक और साहित्यिक परंपराओं को उनके पुत्र यतीन्द्र मोहन प्रताप मिश्र आगे बढ़ा रहे हैं।
अतिरिक्त जानकारी: विमलेन्द्र की पत्नी का निधन पिछले वर्ष हो चुका था। उनके बचपन को कड़ी सुरक्षा में बिताया गया, क्योंकि वे कई पीढ़ियों बाद राजवंश में जन्मे पुरुष उत्तराधिकारी थे। उनकी मां, विमला देवी, ने उन्हें स्थानीय स्कूल में पढ़ाया और 14 वर्ष की आयु तक अन्य बच्चों के साथ खेलने की अनुमति नहीं दी।
(राज घराने से मिली जानकारी के अनुसार)
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