कृषि अनुसंधान और पर्यावरणीय क्षमता निर्माण में सहयोग करने का संकल्प : डॉ. बिजेंद्र सिंह 

Sep 1, 2025 - 17:36
Sep 1, 2025 - 18:00
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कृषि अनुसंधान और पर्यावरणीय क्षमता निर्माण में सहयोग करने का संकल्प : डॉ. बिजेंद्र सिंह 
अवध विवि में समझौते का आदान प्रदान करते कुलपति डॉ बिजेन्द्र सिंह व अन्य
  • अवध विश्वविद्यालय एवं आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू 

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मध्य जलवायु एवं कृषि अनुसंधान सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया है। कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि पर्यावरणीय और कृषि से जुड़ी समकालीन चुनौतियों के समाधान की दिशा में  यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत दोनों विश्वविद्यालयों  के बीच शैक्षणिक, शोध और जन-जागरुकता गतिविधियों में सहयोग मिलेगा।  इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण विज्ञान, कृषि मौसम विज्ञान और सतत कृषि विकास के क्षेत्र में संयुक्त पहलों के लिए एक सुदृढ़ ढांचा तैयार करना है। रणनीतिक शैक्षणिक साझेदारी जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय क्षरण और सतत विकास की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए दोनों संस्थानों ने अंतर्विषयी अनुसंधान और क्षमता निर्माण में सहयोग करने का संकल्प लिया है। यह साझेदारी भारत के सतत विकास लक्ष्यों, राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना और आपदा जोखिम न्यूनीकरण जैसे राष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करेगी।

कुलपति ने बताया कि इससे सूक्ष्म जलवायु मॉडलिंग, वायु प्रदूषण निगरानी, कार्बन अवशोषण, मौसम पूर्वानुमान एवं सतत कृषि जैसे क्षेत्रों में डाटा संकलन की सुविधा शोधार्थियों को मिलेगी और  इंटर्नशिप, फील्ड ट्रेनिंग, तथा पीजी शोध में संयुक्त मार्गदर्शन मिल सकेगा। वहीँ मौसम संबंधी आंकड़े, प्रयोगशालाएं, जीआईएस उपकरण, सिमुलेशन मॉडल  पर कार्य हो सकेगा। इसके अतिरिक्त दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य संगोष्ठियाँ, कार्यशालाएँ, सम्मेलन एवं जन-जागरुकता कार्यक्रम, सर्टिफिकेट कोर्स, वैकल्पिक विषय, समर/विंटर स्कूल जैसे नवाचारों पर सहयोग होगा।

एमओयू के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए दोनों संस्थान एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे, जो समन्वय, संचार और प्रगति की निगरानी करेंगे। यह समझौता ज्ञापन किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष वित्तीय जिम्मेदारी नहीं जोड़ता है।

यह समझौता पाँच वर्षों के लिए वैध रहेगा, जिसे आपसी सहमति से आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके अंतर्गत उत्पन्न बौद्धिक संपदा दोनों संस्थानों की संयुक्त स्वामित्व में होगी और राष्ट्रीय नीति के अनुसार संचालित की जाएगी। हरित भविष्य की ओर एक कदम कुलपति डॉ. बिजेन्द्र सिंह ने इस सहयोग को परिवर्तनकारी बताते हुए कहा कि यह समझौता दोनों संस्थानों की क्षमताओं को जोड़कर पर्यावरणीय लचीलापन और कृषि सततता के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देगा। इस अवसर निदेशक शोध डॉ. सुशील कुमार सिंह, निदेशक प्रशासन डॉ. सुशांत श्रीवास्तव, कुलपति सचिव प्रो. जसवंत सिंह एवं डॉ. विनोद कुमार चौधरी सहित दोनों विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ शिक्षक, अधिकारी, संकाय सदस्य एवं छात्र उपस्थित रहे।

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