श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, जानिए पूजा का समय और मुहूर्त

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार हैए यही कारण है कि यह न सिर्फ भारत में ही बल्कि पूरी दुनिया में भक्तिभाव से मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण भगवान विष्णु का आठवां अवतार भी माना जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत और पूज-पाठ करते है। लोग प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान करते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं। लोग अपने घरों बने पूजा घर की साफ-सफाई करते हैं और घर को विभिन्न तरीकों से सजाते हैं। जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप यानी लडडू गोपाल की मूर्ति को चौकी पर स्थापित किया जाता है और पंचामृत से अभिषेक करने के बाद उन्हें नये वस्त्र, आभूषण धारण कराया जाता है और मोर पंख से सुशोभित किया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण को माखन, मिश्री खीरा व पंजीरी का भोग लगाया जाता है और उनका विधि-विधान के साथ पूजन किया जाता है।
तिथि और शुभ मुहूर्त
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो तो अष्टमी तिथि सुबह 02:44 बजे से शुरू होकर 17 अगस्त, सुबह 01:42 बजे तक है। वहीं रोहिणी नक्षत्र में शुभ मुहूर्त 16 अगस्त दोपहर 02:37 बजे से शुरू होकर 17 अगस्त दोपहर 01:30 बजे रहेगा। निशीथ काल पूजा मुहूर्त का समय 16 अगस्त रात 12:04 बजे से 12:47 बजे तक और ब्रह्म मुहूर्त 16 अगस्त सुबह 04:24 बजे से 05:07 बजे तक रहेगा। जबकि विजय मुहूर्त 16 अगस्त दोपहर 02:37 बजे से 03:30 बजे तक होगा और व्रत पारण समय 17 अगस्त सुबह 06:19 बजे के बाद होगा।
कृष्णा जन्माष्टमी का विशेष योग जिसे जयंती योग भी कहा जाता है इसे अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग से बनने वाला अत्यंत शुभ माना जाता है। गज केसरी योग चंद्रमा और गुरु की युति से बनने वाला यह योग समृद्धि और सफलता प्रदान करता है।
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