उद्योग विशेषज्ञों ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोले यह कदम सराहनी

नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई घोषणाओं में वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था में अगली पीढ़ी के लिए सुधार लाने की बात कही। पीएम के इस कदम को लेकर उद्योग विशेषज्ञों ने उनकी तारीफ की है। उद्योग जगत के लोगों का कहना है कि इससे आम आदमी को कर में राहत तो मिलेगी ही साथ ही छोटे उद्योगों को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ये सुधार एमएसएमई और बड़े उत्पादकों के लिए भी फायदेमंद साबित होंगे। ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर-टैक्स प्लानिंग एंड ऑप्टिमाइजेशन, कृष्ण अरोड़ा ने कहा कि जीएसटी रेट स्ट्रक्चर को युक्तिसंगत बनाने की बात पिछले कुछ समय से चल रही थी। प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ, ऐसा लगता है कि दरों का निर्धारण पूरा हो गया है और दैनिक उपभोग की वस्तुओं की दरों में 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक की कमी की उम्मीद की जा सकती है, जिससे न केवल अंतिम उत्पाद की कीमतें कम होंगी, बल्कि विशेष रूप से एमएसएमई के लिए खपत और मांग को भी बढ़ावा मिलेगा। ईवाई के वरिष्ठ सलाहकार सुधीर कपाड़िया ने कहा कि जीएसटी सुधार एक बेहद जरूरी कदम है। अब समय आ गया है कि ये सुधार लागू किए जाएं।" प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के बाद, वित्त मंत्रालय ने भी एक सरलीकृत, द्वि-स्तरीय वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली का प्रस्ताव रखा है, जिसमें मानक और योग्यता स्लैब के साथ-साथ चुनिंदा वस्तुओं के लिए विशेष दरें भी शामिल होंगी। इस मामले पर विचार करने के लिए जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रिसमूह को जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और उनमें सुधार लाने के सरकार के प्रस्ताव प्राप्त हो गए हैं। केपीएमजी इन इंडिया के पार्टनर और राष्ट्रीय प्रमुख (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि सरकार का दो-दर वाले जीएसटी की ओर बढ़ने का उददेश्य सुव्यवस्थित इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड स्पष्ट रूप से प्रणाली को अधिक कुशल बनाने की दिशा में एक सही कदम है।
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