अयोध्या में राधा अष्टमी और सूर्य जयंती का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया

Aug 31, 2025 - 23:50
Sep 7, 2025 - 08:45
 0  2
अयोध्या में राधा अष्टमी और सूर्य जयंती का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया
दर्शननगर सूर्यकुंड पर उमड़ी लोगों की भीड़

अचल वार्ता,अयोध्या। अयोध्या में राधा अष्टमी और सूर्य जयंती का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। अयोध्या राम मंदिर से लगभग 9 किलोमीटर दूर दर्शननगर में स्थित सूर्य कुंड और सूर्य मंदिर श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य कुंड का निर्माण अयोध्या के सूर्यवंशी शासकों द्वारा कराया गया था। ऐसा विश्वास है कि इस पवित्र कुंड में स्नान और सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। कथाओं के अनुसार, सूर्यवंशी राजा घोष का कुष्ठ रोग भी इस कुंड में स्नान करने से ठीक हो गया था।19वीं शताब्दी में शाकद्वीपीय ब्राह्मण राजा दर्शन सिंह ने इस कुंड और मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था, जिसके नाम पर इस कस्बे का नाम दर्शननगर पड़ा। योगी सरकार ने इस पौराणिक स्थल के संरक्षण के लिए 14 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार कार्य कराया है, जिससे इसकी भव्यता और आध्यात्मिक महत्व और बढ़ गया है।

भाद्रपद माह के पहले रविवार को हर साल यहां भव्य सूर्य जयंती मेला आयोजित होता है। मेले में देशभर से आए श्रद्धालु सूर्य कुंड में स्नान कर भगवान भास्कर की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस अवसर पर सूर्य मंदिर में सूर्य देव की प्रतिमा के साथ-साथ शनि देव और यमुना देवी की अष्टधातु की मूर्तियों की पूजा भी की जाती है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। सूर्य कुंड के चारों द्वारों और घाटों पर पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि मेले का आयोजन सुचारू और सुरक्षित रूप से संपन्न हो।

इसके साथ ही, राधा अष्टमी के पर्व पर श्रद्धालु राधा-कृष्ण की भक्ति में डूबे नजर आए। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व में भक्तों ने राधा रानी की पूजा-अर्चना की और मथुरा, वृंदावन, और बरसाना में आयोजित भव्य झांकियों और कीर्तनों में हिस्सा लिया।

अयोध्या में आज का यह दोहरा उत्सव भक्ति, आस्था और सांस्कृतिक समृद्धि का अनूठा संगम बनकर उभरा है।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0