79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने राष्ट्र को किया संबोधित, कहा - हमारे लिए संविधान और लोकतंत्र सर्वोपरि

नई दिल्ली। 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे लिए संविधान और लोकतंत्र सर्वोपरि है। उन्होंने खग की संविधान में ऐसे चार मूल्यों का उल्लेख है। न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता ऐसे चार स्तंभ हैं, जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने में अहम कड़ी हैं। ये ही हमारे सभ्यतागत सिद्धांत हैं, जिन्हें हमने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जीवंत बनाया। मेरा मानना है कि इन सबके मूल में मानवीय गरिमा की भावना है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी को स्वतंत्रता दिवस कि शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को प्रत्येक भारतीय बड़े उत्साह के साथ मनाता है। ये ऐसे दिन हैं, जो हमें विशेष रूप से हमारे गौरवान्वित भारतीय होने की याद दिलाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य समान है और सभी के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए। सभी की स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक समान पहुंच होनी चाहिए। सभी को समान अवसर मिलना चाहिए। पारंपरिक व्यवस्था के कारण जो लोग वंचित थे, उन्हें सहायता की आवश्यकता थी। इन सिद्धांतों को सर्वोपरि रखते हुए, हमने 1947 में एक नई यात्रा शुरू की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अतीत पर दृष्टिपात करते हुए हमें देश के विभाजन से हुई पीड़ा को नहीं भूलना चाहिए, आज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया। विभाजन के कारण भयावह हिंसा देखी गई और लाखों लोगों को विस्थापित होने के लिए मजबूर किया गया, हम इतिहास के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
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