दीपोत्सव 2025: तेल, बाती की खरीद अब शासन के नोडल अधिकारी की निगरानी में

- जिला प्रशासन की ओर अभी अवध विश्वविद्यालय को टेंडर की हरी झंडी नहीं, गत वर्ष खरीदे गए थे 32 लाख दिए और 40 लाख रुई की बाती
अयोध्या। इस वर्ष दीपोत्सव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन सामग्री खरीद की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब तक डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय द्वारा दीपक, तेल, बाती और अन्य सामग्री की खरीद के लिए टेंडर निकाले जाते थे, लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने टेंडरिंग प्रक्रिया को हरी झंडी नहीं दी है।
विगत वर्षों में खरीद प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं के चलते यह निर्णय लिया गया है। अब शासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी की सख्त निगरानी में सामग्री की खरीद होगी, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। गत वर्ष दीपोत्सव के लिए जरूरी सामग्री जैसे 32 लाख मिट्टी के दीये, 40 लाख रुई की बाती, और 61 हजार लीटर सरसों का तेल आदि की खरीद की गई थी। इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था। अब इस बार प्रक्रिया को और सुदृढ़ किया जा रहा है। पिछले साल 22 लाख 23 हजार दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया था, और इस बार 28 लाख दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए सामग्री की गुणवत्ता और आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नोडल अधिकारी प्रो एसएस मिश्र ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार इस बार दीपोत्सव को और भव्य बनाने के लिए सभी तैयारियां समयबद्ध तरीके से की जा रही हैं। उन्होंने कहा शासन के नोडल अधिकारी की निगरानी में खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाया जाएगा। हमारा लक्ष्य रामनगरी में प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करना है। बता दे कि विगत वर्षों में टेंडर प्रक्रिया में कुछ शिकायतें सामने आई थीं, जिसके कारण इस बार शासन ने निगरानी को और सख्त करने का फैसला किया है। टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप देने से पहले सभी दस्तावेजों और आपूर्तिकर्ताओं की विश्वसनीयता की गहन जांच की जाएगी। इसके लिए शासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसे लेकर अभी तक अवध विश्वविद्यालय किसी भी प्रकार की प्रक्रिया नहीं शुरु कर सका है। हालांकि अभी समय है लेकिन 2023 में तत्कालीन नोडल अधिकारी प्रो ए पी सिंह भी विवादों के घेरे में आए थे।
अभी तेल और बाती समेत अन्य सामाग्री की खरीद प्रक्रिया विचाराधीन है। शासन और जिला प्रशासन के निर्देश व गाईड लाइन के मुताबिक सारी व्यवस्थाएं की जाएंगी।
- विनय कुमार सिंह, कुलसचिव
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