अम्बेडकरनगर: सवालों के घेरे में एआर कोऑपरेटिव दोहरा चरित्र आया सामने, किसानों से लूट पर क्यों चुप हैं जिम्मेदार अफसर?

Aug 30, 2025 - 22:00
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  • एक सचिव की जांच पर जांच चल रही है सुबह शाम चल रही है, लेकिन जांच में घाच पांच चल रही है
  • अकबरपुर एसडीएम ने बताया दो बोरी की गड़बड़ी मिली जनता कह रही है चोरकट या गिरहकट चोरी तो चोरी....
  •  किसानों की निगाहें टिकी बडके साहब पर क्या बडके साहब लटकाएंगे सचिव दुर्गा प्रसाद पांडे को उल्टा

अचल वार्ता,अम्बेडकर नगर। बी-पैक्स प्रतापपुर चमुर्खा समिति के सचिव दुर्गा पांडेय पर खाद वितरण में बड़े घोटाले और किसानों के शोषण का आरोप लग रहा है। जिला कृषि अधिकारी की जांच से लेकर विभागीय स्तर तक की रिपोर्ट में गड़बड़ियां सामने आई हैं, लेकिन कार्रवाई शून्य है। आरोप है कि विभागीय अधिकारी सचिव को बचाने में जुटे हैं और इसीलिए बार-बार जांच की आड़ में लीपापोती की जा रही है।

भारी अनियमितता उजागर

11 जूलाई को जिला कृषि अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल, प्रधानमंत्री पोर्टल समेत विभिन्न माध्यमों से मिल रही शिकायत पर बी पैक्स प्रतापपुर चमूर्खा में छापा मारा गया था। 28 जुलाई 2025 को जारी पत्रांक संख्या 479 में बताया था कि पीओएस मशीन में 81 बोरा यूरिया, 73 बोरा डीएपी शेष बचा हुआ था। गोदाम की भौतिक जांच में 588 बोरा यूरिया, 85 बोरा डीएपी यानी किसानों के नाम पर अतिरिक्त खाद खारिज कर उसे काली कमाई का जरिया बनाया गया। किसान ओमप्रकाश और रणधीर ने भी स्वीकार किया कि उनके नाम से अतिरिक्त खाद खारिज की गई थी। जिला कृषि अधिकारी द्वारा मामले में कार्यालय पत्रांक संख्या 393 में 14 जुलाई 2025 को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था। स्पष्टीकरण पांच दिवस के अंदर मांगा गया था लेकिन सचिव द्वारा 26 जुलाई 2025 तक कोई जवाब न मिलने पर उर्वरक प्राधिकरण पत्र संख्या डीएओ /एबीएन 1186 को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उर्वरक का क्रय विक्रय प्रतिबंधित करते हुए 10 दिवस के अंदर अपना स्पष्टीकरण व साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। जिला कृषि अधिकारी द्वारा 12 अगस्त 2025 को पत्रांक संख्या 558 में बताया गया 04 अगस्त 2025 को सचिव द्वारा स्पष्टीकरण दिया गया लेकिन वो संतोषजनक नहीं रहा किसानों के हित में देखते हुए सहकारी समिति वी पैक्स प्रतापपुर चमूर्खा का लाइसेंस बहाल कर दिया गया। इसी के साथ सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक (ए आर कोऑपरेटिव) को यह निर्देशित किया गया सचिव दुर्गा प्रसाद पांडेय के खिलाफ शिकायतें सही पाई गई सचिव के खिलाफ अपने स्तर से कार्रवाई करने के लिए भी निर्देशित किया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन जब पुनः 23 अगस्त 2025 को किसानों द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने सचिव का खेल उजागर किया।

जिसमें किसानों द्वारा बताया गया कि सरकारी रेट : 266.50 रुपये है जो कि वसूली : 270 से 280 रुपये + 5 रुपये पल्लेदारी ली जाती है।प्राइवेट कर्मचारी रात 8 बजे तक किसानों से वसूली कर खाद बांटता नजर आया। कई किसानों ने इस मामले की पुष्टि की। पुनः जिला कृषि अधिकारी द्वारा पत्रांक संख्या 619 में भी कार्रवाई करने के संबंध में निर्देशित किया उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।जिला कृषि अधिकारी ने एफआईआर दर्ज करने तक का आदेश दिया। लेकिन सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता (ए आर कोऑपरेटिव) ने कार्रवाई करने के बजाय सचिव को बचाव करने में जुटे हैं।

चहेते सचिव का चार्ज दूर-दराज समितियों तक

किसानों का कहना है इतना ही नहीं, प्रतापपुर चमुर्खा के साथ-साथ असाइत पुर कला, बसखारी की सिंहपुर समिति जैसी 50 किलोमीटर दूर की समिति का चार्ज भी दुर्गा पांडेय को सौंप दिया गया। सवाल यह है कि क्या पास में कोई और सचिव नहीं था कि इतना दूर का चार्ज भी उसी को दिया गया? लेकिन वही मिडिया से बातचीत में ए आर कोऑपरेटिव ने कहा था हमने तो सब मैनेज कर रखा है।

जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच

जिलाधिकारी के निर्देश के बाद संयुक्त टीम में जिसमे एसडीएम प्रतीक्षा सिंह समिति पर जांच करने पहुंचीं थीं। मामले में उप जिला अधिकारी ने बताया कि जांच में दो बोरी खाद कम मिली। पुराने मामलों की शिकायतों पर बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि “जिस अधिकारी ने गड़बड़ियों की जांच की थी, उन्होंने ने ही बहाल कर दिया था।

विभागीय अफसरों की चुप्पी

जिला कृषि अधिकारी अरविंद चौधरी ने इस मामले पर सीधा जवाब देने से बचे और फोन काट दिया जब पुनः दोबारा फोन किया गया तो उन्होंने कहा अभी मैं व्यस्त हूं आपसे बाद में बात करता हूं ए... वो..। वहीं सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता (ए आर कोऑपरेटिव ) पर आरोप है कि वे सचिव दुर्गा पांडेय से मिलीभगत कर उन्हें बचा रहे हैं।

बसखारी में 24 बोरी की गड़बड़ी, सचिव पर दर्ज हुआ था एफआईआर

बीते दिनों सहकारी संघ बसखारी में 17 अगस्त 2025 को नायब तहसीलदार व सहायक विकास अधिकारी (सह.) की जांच में 24 बोरी यूरिया गायब मिली थी।

 मामले में प्रभारी सचिव नीलम गुप्ता के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। थाना बसखारी में एफआईआर संख्या 252/25, दिनांक 22 अगस्त 2025 दर्ज है। वहीं दूसरी तरफ बी पैक्स प्रतापपुर चमुर्खा समिति में इतनी भारी अनियमितता पाए जाने के बाद में आज तक कोई कार्रवाई न होने से ए आर कोऑपरेटिव की दोहरा चरित्र सामने आया है लगातार जांच पर जांच की जा रही है ताकि उसका किसी तरीके से बचाव किया जा सके। बताया जाता है कि इसमें कुछ सफेद पोश भी शामिल है जिसकी वजह से सचिव पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

किसानों ने जताई नाराजगी

पीड़ित किसानों द्वारा यह कहा जा रहा है कि जांच के संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं दी गई लेकिन उसके बावजूद हम मौजूद रहे शिकायत के बाद उप जिला अधिकारी ने किसी प्रकार की बातचीत नहीं की गई। जून और जुलाई किसानों का कहना है कि माह जून और जुलाई वितरण रजिस्टर की जांच नहीं की गई जिसके संबंध में शिकायत की गई थी जिला कृषि अधिकारी द्वारा उस समय किसानों से पूछताछ में गड़बड़ियां पाई गई थी किसानों का कहना है की शिकायत कर्ताओं से मामले में पुछताछ की जानी चाहिए थी व सभी किसानों से मोबाइल नंबर पर मामले भी बात करनी चाहिए थी। किसानों का यह भी कहना है कि जब 22 अगस्त रात्रि में करीब 8:30 बजे खाद का वितरण किया जा रहा तो तो इसकी सूचना जिला कृषि अधिकारी को दी गई थी लेकिन जिला कृषि अधिकारी ने किसानों से कहा था कि रात में हम नहीं आ पाएंगे आप फोटो वीडियो बनाकर व्हाट्सएप पर भेज दीजिए दिनांक समय सहित जिसका वीडियो बनाकर जिला कृषि अधिकारी के व्हाट्सएप पर डाला गया था।प्रतापपुर चमुर्खा में खामियां लगातार सामने आ रही गड़बड़ियों से साफ है कि सहकारिता विभाग में खाद घोटाले की जड़ें गहरी हैं। किसानों का कहना है कि “जांच होती है, खामियां निकलती हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित रहती है।” आखिर क्यों जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय लिपापोती करने में लगे हैं आखिर क्या है मोह..... शेष ख़बर अगले अंक में......

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